संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो मृत्यु को जीतने वाला हो। इसलिए भगवान शिव की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप किया जाता है। इसके जप से संसार के सभी कष्ट से मुक्ति मिलती हैं। ये मंत्र जीवन देने वाला है। इससे जीवनी शक्ति तो बढ़ती ही है साथ ही सकारात्मकता बढ़ती है।
भगवान शिव के ‘महामृत्युंजय मंत्र’ सर्वदोष नाशक मंत्र है। बीमारी हो या दुर्घटना आदि से मृत्यु का भय यह मंत्र सब दूर करता है। इसका जाप शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा को भी दूर करता है। इस शिव मंत्र जाप से शरीर रक्षा के साथ बुद्धि, विद्या, यश और लक्ष्मी भी बढ़ती है।
Lyrics in English
Lyrics in Sanskrit
Lyrics in Telugu
Lyrics in Tamil
Lyrics in English
Aum Tryambakam yajaamahe sugandhim pushtivardhanam |
Urvaarukamiva bandhanaan-mrityormuksheeya maamritaat ||
The Meaning of the Mantra
We worship the three-eyed One, who is fragrant and who nourishes all.
Like the fruit falls off from the bondage of the stem, may we be liberated from death, from mortality.
Lyrics in Sanskrit
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
मंत्र का अर्थ
हम त्रिनेत्र को पूजते हैं,
जो सुगंधित हैं, हमारा पोषण करते हैं,
जिस तरह फल, शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है,
वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।
Lyrics in Telugu
ఓం త్రయంబకం యజామహే సుగంధిం పుష్టి వర్ధనం |
ఉర్వారుకమివ బంధనాన్ మృత్యోర్ ముక్షీయ మామృతాత్ ||
ఈ మంత్రానికి అర్ధం
అందరికి శక్తిని ఇచ్చే ముక్కంటి దేవుడు,సుగంధ భరితుడు అయిన శివున్ని మేము పుజిస్తున్నాము.
పండు తొడిమ నుండి వేరుపడు విధముగా, మేము కూడా మరణము నుండి, మర్త్యత్వము నుండి విడుదల పొందాలి.
Lyrics in Tamil
ஆஉம் த்ரயம்பகம் யஜாமஹே ஸுகந்திம் புஷ்டிவர்த்தனம் |
உர்வாருகமிவ பந்தனான்-ம்ருத்யோர்முக்ஷீய மாம்ரிதாத் ||
மகா மிருத்யுஞ்சய மந்திரம் தமிழில் பொருள்
நறுமணம் கமழும் மேனியனே, மூன்று கண்களை உடையவனே, (அனைவரையும்) பேணி வளர்ப்பவனே, உனை நாங்கள் வணங்குகிறோம்.
பழம் கனிந்து கிளையின் பிணைப்பிலிருந்து விடுதலையாகி உதிர்வதைப் போல மரணத்திலிருந்தும், நிலையற்ற தன்மையிலிருந்தும் எங்களுக்கு விடுதலை தருவாயாக.
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
- त्रयंबकम- त्रि.नेत्रों वाला ;कर्मकारक।
- यजामहे- हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देय।
- सुगंधिम- मीठी महक वाला, सुगंधित।
- पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति। जीवन की परिपूर्णता
- वर्धनम- वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है।
- उर्वारुक- ककड़ी।
- इवत्र- जैसे, इस तरह।
- बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है।
- मृत्यु- मृत्यु से
- मुक्षिया, हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें।
- मात्र न
- अमृतात- अमरता, मोक्ष।
मंत्र में 32 शब्दों का प्रयोग
- इस मंत्र में 32 शब्दों का प्रयोग हुआ है और इसी मंत्र में ॐ’ लगा देने से 33 शब्द हो जाते हैं। इसे ‘त्रयस्त्रिशाक्षरी या तैंतीस अक्षरी मंत्र कहते हैं।
महामृत्युंजय संकल्प मंत्र
- श्रीमहामृत्युंजय मंत्रस्य अमुक संख्यापरिमितं जपमहंकरिष्ये वा कारयिष्ये।
महामृत्युंजय प्राण प्रतिष्ठा मंत्र
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ गुरवे नमः।
- ॐ गणपतये नमः। ॐ इष्टदेवतायै नमः।
- इति नत्वा यथोक्तविधिना भूतशुद्धिं प्राण प्रतिष्ठां च कुर्यात्।